पाली। स्वावलम्बन फ़ोरियर डेसीज़ डिजीज के तत्वावधान में पाली के एक प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग के सदस्य डॉ.ज्ञानेश्वर मनोहर मूले से मुलाकात की और लादलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्राफी सहित अन्य दुर्लभ बीमारियों एवं प्रगतिशील दिव्यांगताओंके लिए योजनाएं व नीति बनाने की गुहार लगाई।
वैभव सोनी ने बताया कि विगत काफी समय से लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों को केयर टेकर अथवा मासिक वित्तीय सहायता देने की मांग की जा रही है। वर्तमान में इस दुर्लभ बीमारी का भारत में इलाज उपलब्ध नहीं है।
राज्य स्तर एवं केन्द्र स्तर पर न तो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लिए कोई विशेष योजना है और न ही कोई विशेष सुविधा। जबकि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को नवीन दिव्यांगजन व्यक्ति अधिकार अधिनियम २०१६ में सम्मिलित किया गया है। लेकिन, सरकारी नौकरी में आरक्षण, शिक्षा में आरक्षण, छात्रवृत्ति, उपकरण वितरण आदि योजनाएं मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के अनुरुप नहीं है।