भायंदर – राजस्थान के सेवाड़ी गांव के भायंदर निवासी ललित मेहता की सुपुत्री सानिका मेहता ने कैंसर जैसी भयानक बीमारी से दो साल की लड़ाई और बड़ी बीमारी के बाद भी हार न मानते हुए पढ़ाई करने के दृढ़ संकल्प के कारण हाल ही में घोषित सीबीएसई बोर्ड परिक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए. सानिका मीरा रोड के आर. बी. के ग्लोबल स्कूल में पढ़ रही थी. जब वह आठवीं कक्षा में थीं, तब उन्हें ल्यूकेमिया का पता चला था और उनके पिता ललित मेहता और मां वर्षा उन्हें दिल्ली के पास गुरुग्राम ले गए और दो साल तक वहीं रहे.
कैंसर का इलाज बहुत तकलीफ दे रहा था लेकिन ऐसी स्थिती में भी सानिका ने पढ़ाई नहीं छोड़ी. पढ़ाई में स्कूल ने भी उनका भरपूर साथ दिया. सानिका बहुत ही होशियार छात्रा हैं. सातवीं कक्षा तक उसके रिजल्ट को देखते हुए स्कूल ने उन्हें 9वीं कक्षा में दाखिला दिया और ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा प्रदान की. 9वीं कक्षा की पूरी पढ़ाई उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा तो दूसरी तरफ एक तरफ इलाज के साथ पुर्ण की ओर अच्छे अंक प्राप्त किये और दसवीं में दाखिला ले लिया.
इसी बीच उनका कैंसर का इलाज पूरा हो गया. बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे अहम इलाज के बाद सानिका कैंसर से पूरी तरह ठीक हो गईं. इसलिए मेहता परिवार भायंदर लौट आया. लेकिन 10वीं कक्षा का महत्वपूर्ण वर्ष होने के बावजूद, सानिका कुछ महीने स्कूल नहीं जा पायी. वह केवल छह महीने ही स्कूल गई थी, लेकिन मानो जैसे प्रकृति ने सानिका को उपहार दिया था और उसने शैक्षणिक नुकसान की भरपाई की. इसके अलावा खूब मेहनत से पढ़ाई करने के बाद 10वीं की परिक्षा पास की. चार दिन पहले सीबीएसई बोर्ड के नतीजे घोषित हुए थे. इसमें सानिका ने बेस्ट ऑफ फाइव में 95 प्रतिशत अंक अर्जित कर सभी को चौंका दिया.
सानिका ने इसका श्रेय सबसे ज्यादा अपने स्कूल और माता-पिता को दिया. वे कहती हैं कि स्कूल और टीचर्स का सहयोग नहीं मिला होता तो यह संभव नहीं था. सानिका के पिता ललित मेहता ने बताया कि वह साइंस में प्रवेश लेकर मनोविज्ञान (Psychology) की डॉक्टर बनना चाहती है. पूरा परिवार खुशी से फुला नहीं समा रहा हैं. और उन्हें सानिका की उपलब्धि पर बड़ा गर्व हैं. उनकी इस उपलब्धि पर सांसद राजन विचारे, विधायक गीता जैन, पूर्व उपमहापौर हसमुख गहलोत सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने बधाई दी हैं