सुमेरपुर – अम्बिका मंदिर की 35 वीं वर्षगांठ पर ब्रह्म मूहूर्त में गाजों बाजों व ढोल धमाकों के साथ सैकड़ो धर्म प्रेमियों की मौजूदगी में धूमधाम के साथ मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा चढ़ाई गई. मंदिर की 35 वीं वर्षगांठ पर संत मनसुख हिरापुरी महाराज की पावन निश्रा में दूर दराज से पहुंचे गुरू भक्तों के साथ समाजबंधु, महिलाएं व ग्रामीणजनों की मौजूदगी में विशेष पूजा अर्चना के साथ गाजों बाजों व ढोल धमाकों के बीच जैकारे करते हुए मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा चढ़ाई गई. अखिल भारतीय मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश शाह मेवाड़ा, वरिष्ठ पत्रकार नटवर मेवाड़ा, मारवाड़ गोड़वाड़ जन कल्याण सेवा समिति अध्यक्ष जयदेव सिंह राणावत, अखिल भारत हिंदू युवा मोर्चा पाली जिला अध्यक्ष महावीर मेवाड़ा साण्डेराव, मदन सिंह गुड़िया, पुखराज कुमावत, छगन भाई, रमेश भाई, महेश मेवाड़ा, महावीर मेवाड़ा, कैलाश मेवाड़ा, ललिता मेवाड़ा, सुमित्रा मेवाड़ा, पुजा मेवाड़ा सहित आस पास ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित थे.
आस्था का केंद्र है अंबिका देवी मंदिर – अंबिका देवी का एक ऐसा मंदिर है जहां माना ये जाता है की भक्तों के मन की हर मनोकामना पूरी होती है. अखिल भारत हिंदू युवा मोर्चा पाली जिला अध्यक्ष महावीर मेवाड़ा साण्डेराव ने बताया कि मंदिर में मां अम्बे की भक्ति में जमना बाई बचपन से ही पूजा अर्चना व भक्ति भावना में लीन रहती थी, इधर यहां पर मां भवानी के मंदिर में साध्वी जनमा बाई की मनोकामना पूरी होने पर अम्बिका मंदिर में स्थापना की गई इस मंदिर में दूर – दूर से श्रद्धालु माथा टेकने के लिए आते है.
दर्शन करने से मिलती है मानसिक शांति श्रद्धालु में इस मंदिर के प्रति इतनी श्रद्धा है कि मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मंदिर के अंदर आने पर मां अम्बे स्वरुप की मूर्ती के दर्शन करने मात्र से ही उनके मन को शांति मिलती है और सभी समस्याएं भी दूर हो जाती है. कन्याओं को कराया भोजन प्रसाद – अम्बिका मंदिर की वर्षगांठ पर संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज की पावन निश्रा में आयोजित महाप्रसादी में सर्व प्रथम कन्याओं की पूजन कर उन्हें भोजन प्रसाद ग्रहण करवाने के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रेम पूर्वक प्रसाद ग्रहण किया.