प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 और 4 सितंबर को द्विपक्षीय यात्रा पर ब्रुनेई की यात्रा करेंगे, इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी वहां जाने वाले पहले भारतीय होंगे । इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की यात्रा के बारे में विशेष ब्रीफिंग में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया की अगवाई में 3-4 सितंबर को ब्रुनेई की यात्रा पर जाने वाले हैं। इसे पहले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने ब्रुनेई की यात्रा नहीं की है। यहभारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।” प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
पीएम मोदी के दौरे के दौरान कुछ अहम घोषणाएं होने की चर्चा है। भारत ब्रुनेई के साथ ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी करेंगे ब्रुनेई की यात्रा
ब्रुनेई ने हाल के वर्षों में रक्षा क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया है और भारत को करीबी सहयोग का संदेश भी दिया है। विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने बताया है कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में कार्य समूह के गठन को लेकर भी बातचीत चल रही है। यह रक्षा संबंधों के लिए दिशा-निर्देश साबित होगा। भारत ब्रुनेई से कच्चा तेल भी खरीदता है। तेल अन्वेषण क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार और गुरुवार को सिंगापुर में रहेंगे, जहां वह सुल्तान हाजी हसनल लॉरेंस वोंग से बातचीत करेंगे।
आप को बता दे कि यह करीब छह साल बाद प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा होगी। जयदीप मजूमदार ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत और सिंगापुर के बीच हर क्षेत्र में संबंध मजबूत हुए हैं। रक्षा क्षेत्र के साथ साथ आर्थिक संबंध भी मजबूत हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही भारत सिंगापुर मंत्रिस्तरीय बैठक हुई थी जिसमें भाग लेने के लिए मोदी कैबिनेट के विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री और आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सिंगापुर गए थे।