प. पू गच्छाधिपति मोहनखेड़ा महातीर्थ विकास प्रेरक गुरुदेव आचार्यदेवेश ऋषभचंद्रसूरीश्वर म.सा. ने अपने शिष्य प. पू वरिष्ठ मुनिराज पीयूषचंद्र विजयजी म.सा.के साथ मिलकर पवित्र वातावरण में उमग विहार हॉल जो कि आदित्य हाईट्स जो की ताड़देव मुंबई सेंटर में है। वहां पर पर्युषण के पवन मौक़े पर धर्म आराधना का आयोजन किया गया है।
महापर्व पर्युषण के दूसरे दिन धर्म आराधना के साथ तरह -तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गए। पांच आश्रम कषाय दान शिला तप भाव सामायिक प्रभु दर्शन जैसे कई कार्य किए गए। साथ ही जिनेन्द्र पूजा गुरु की भक्ति अनुकंपा दान सुपात्र दान गुणानुराग जिनवाणी के बारे सम्बोधित किया। भगवत ने अपने प्रवचन में लोगो को अनुकंपा दान कैसे किया जाए यह बताया। और भीनमाल नगर के माध कवि , लेखक व सरस्वती के पुत्र का भी परिचय दिया।
इस कार्यक्रम में हजारो लोग उपास्थि थे। सुरि ऋषभ कृपापात्र बंधू बेलड़ी मुनि पीयूषचंद्र म.सा. एवं मुनि रजतचंद्र विजय म.सा. ने इस चातुर्मास को कमाठीपुरा जैन संघ में प्रवेश किया। जिसे अधिक से अधिक लोग इसके साथ जुड़ सके और इस का लाभ ले सके. जिसके लिए मुनि पीयूषचंद्र विजय म.सा. ने ताड़देव पहुंचकर लोगों को प्रवचन दिया। और मुनि रजतचंद्र विजय म.सा. ने कमाठीपुरा वाली संघ प्रवचन दिया।
कार्यक्रम में पाद प्रक्षालन वाधमनोत्सव ,राजशाही बहुमान जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। दोपहर में, मेहंदी , गाँव सांझी जैसे कार्यक्रमों से मंच सजा। जिसके बाद तपस्वियों को अभिनन्दन पत्र देकर सम्मानित किया गया। हर रोज इस क्रार्यक्रम में प्रवचन सुनाने वालो की भीड़ बढ़ती जा रही है और उम्मीद की जा रही है की आने वाले दिनों में यह भीड़ और भी बढ़ेगी।