संपूर्ण पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के लाभार्थी मातोश्री सौ. पानीबाई भुरमलजी रिखभदासजी मांडोत परिवार रहे
लाटाडा। गोड़वाड़ की धर्मनगरी श्री लाटारा नगर की पावन धरा पर श्री आदिनाथ जिनालय के प्रांगण में भव्यातिभव्य पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के पावन अवसर पर वर्तमान गच्छाधिपति प. पू. आचारवदेव श्री हेमप्रभ सुरिश्वरजी म. सा. आज्ञानुवर्तिनी प.पू. साध्वीजी ललितप्रभाश्रीजी म.सा. की शिष्या प.पू. साध्वीजी श्री कल्पशीलाश्रीजी म.सा. की प्रशिष्या प.पू. साध्वीजीश्री मननशिलाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा के पावन निश्रा में हर्षोल्लास के साथ पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का आयोजन सानद संपन्न हुआ। संपूर्ण पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के लाभार्थी मातोश्री सौ. पानीबाई भुरमलजी रिखभदासजी मांडोत परिवार थे।
पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के दौरान प्रातः भाईयों एवं बहनों का प्रतिकमण, प्रभातिया गीत, भक्तामर पाठ, शाम को भाईयों एवं बहनों का प्रतिकमण, भक्तीभावना सहित कई कार्यक्रम हर्षोल्सा के साथ संपन्न हुए। पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन दिनांक 2 सितंबर 2024 सोमवार को कल्पसुत्र (पोथाजी) गाजते-बाजते मातोश्री पानीबाई भुरमलजी मांडोत परिवार के वहां सकलश्री संघ के साथ गए। चौथे दिन दिनांक 3 सितंबर 2024 मंगलवार को परमात्मा के केसर अभिषेक का आयोजन किया गया। जिसमें सुप्रसिद्ध आंगी करने वाले गुंदोज निवासी श्री अमृतजी पुनमिया पधारकर परमात्मा के केसर अभिषेक किया।
विधिकारक श्री बिरलभाई शिवगंज वाले थे। पांचवे दिन श्री महावीर जन्मवांचन तथा 14 सपनों के चढ़ावे बोले गए, जिसमें उपस्थित सभी महानुभावों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। सातवें दिन दिनांक 6 सितंबर 2024 शुक्रवार को कुमार पाल महाराजा के परिवेश में परमात्मा की 108 दीपक से महाआरती का आयोजन हजारों महानुभावों की उपस्थित में हुआ। आठवें दिन संवत्सरी प्रतिकमण एवं क्षमापना की आयोजन हुआ। जिसमें उपस्थित सभी महानुभावों ने प्रतिकमण करने के पश्चात एक-दूसरे से क्षमापना मांगी।
दिनांक 8 सितंबर 2024 रविवार को प्रातः 5 बजे जिनालय का द्वारोद्धाटन करने के पश्चात सुबह 7.30 बजे तपस्वियों के पारणे का आयोजन हुआ। जिसमें सभी तपस्या करने वाले तपस्वियों ने शांततिपूर्वक पारणा किया। सुबह 10 बजे ऐतिहासिक वरघोडे का आयोजन रखा गया था, जिसमें सभी महानुभाव उपस्थित थे।