Deepfake की समस्या और समाधान
Deepfake, यानी AI-generated content, इंटरनेट पर एक बड़ी समस्या बन चुका है। इसे खासतौर पर misleading information फैलाने, public figures के बारे में झूठी बातें प्रचारित करने और fraud या scams को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे-जैसे AI systems अधिक उन्नत हो रहे हैं, डीपफेक को पहचान पाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
McAfee की एक सर्वे रिपोर्ट में सामने आया कि 70% लोग वास्तविक और एआई-जनित आवाज के बीच अंतर नहीं कर पाते। इसके अलावा, Sumsub के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में डीपफेक धोखाधड़ी में:
- 1,740% वृद्धि उत्तरी अमेरिका में
- 1,530% बढ़ोतरी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हुई।
इस चुनौती का सामना करने के लिए अब बड़ी कंपनियां AI watermarking tools विकसित कर रही हैं।
Meta का नया कदम: “Video Seal”
Meta ने Video Seal नामक एक नया टूल लॉन्च किया है। यह एक AI watermark tool है जो AI द्वारा बनाए गए वीडियो में एक invisible watermark जोड़ता है। यह watermark:
- वीडियो की गुणवत्ता को प्रभावित किए बिना काम करता है।
- इसे हटाने के आम प्रयासों के खिलाफ टिकाऊ है।
Meta ने इसे open-source बनाने की योजना बनाई है, हालांकि अभी इसका कोड सार्वजनिक नहीं हुआ है।
AI Industry में Watermarking का महत्व
Generative AI की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बीच, वीडियो और टेक्स्ट के लिए वॉटरमार्किंग जरूरी हो गया है।
- Google ने इस साल की शुरुआत में अपना SynthID लॉन्च किया था, जो AI-generated text और videos पर watermark लगाने का काम करता है।
- Microsoft और अन्य कंपनियों ने भी इसी तरह के टूल विकसित किए हैं।
Meta का Video Seal इन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका लक्ष्य है:
- सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
- डीपफेक की पहचान करना आसान बनाना।
Deepfake से कैसे प्रभावित हो रहा है विश्व?
Deepfake technology ने कई क्षेत्रों में समस्याएं खड़ी की हैं:
- Public Figures की छवि खराब करना।
- Fake content बनाकर fraud करना।
- Misinformation फैलाना।
2022 से 2023 के बीच डीपफेक्स से जुड़े मामलों में 10 गुना बढ़ोतरी देखी गई। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए Meta, Google, और Microsoft जैसे बड़े खिलाड़ी समाधान के रूप में AI watermarking tools लेकर आए हैं।
Meta के Video Seal की खासियतें:
- Invisibility: यह watermark अदृश्य है और वीडियो की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता।
- Durability: यह watermark हटाने के प्रयासों के खिलाफ मजबूती से टिकता है।
- AI Transparency: Meta इसे open-source बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
निष्कर्ष
Deepfake एक आधुनिक चुनौती है, लेकिन Meta का Video Seal जैसे innovative tools इस समस्या से निपटने में मदद करेंगे। यह केवल एक technological advancement नहीं है, बल्कि digital ethics और AI transparency की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आने वाले समय में, ऐसे टूल्स ना सिर्फ सुरक्षा को बढ़ावा देंगे बल्कि AI content की प्रामाणिकता को भी सुनिश्चित करेंगे।