सारांश:
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर 5.4% दर्ज की गई। यह उम्मीद से थोड़ा कम है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया कि आने वाली तिमाहियों में इसमें सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह गिरावट “अस्थायी झटका” है और अर्थव्यवस्था सतत विकास की राह पर है।
विस्तृत विश्लेषण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि जुलाई से सितंबर 2024 की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.4% रही। हालांकि, अप्रैल-जून 2024 की पहली तिमाही में यह 6.7% थी। उन्होंने कहा कि यह गिरावट अस्थायी है और जल्द ही GDP में सुधार देखने को मिलेगा।
सीतारमण ने भरोसा दिलाया कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। पिछले तीन वर्षों में GDP की औसत वृद्धि दर 8.3% रही है, जो बताती है कि भारत में “स्थिर और सतत विकास” हो रहा है।
विनिर्माण क्षेत्र में स्थिरत
हालांकि दूसरी तिमाही में थोड़ी गिरावट आई है, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि विनिर्माण (Manufacturing) सेक्टर में कोई बड़ी मंदी नहीं है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र के लगभग आधे सेक्टर अभी भी मजबूती से बढ़ रहे हैं। इससे पता चलता है कि भारतीय उद्योगों में अभी भी सकारात्मक ग्रोथ की संभावना है।
Inflation पर नियंत्रण
वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति (Inflation) पर भी बात की। उन्होंने बताया कि NDA सरकार के कार्यकाल में मुद्रास्फीति बेहतर तरीके से नियंत्रित हुई है। अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच खुदरा मुद्रास्फीति सिर्फ 4.8% रही। यह आंकड़ा कोविड-19 महामारी के बाद का सबसे कम स्तर है।
वहीं, UPA सरकार के समय मुद्रास्फीति अक्सर दोहरे अंकों (Double Digits) तक पहुंच जाती थी। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार कदम उठा रही है।
बेरोजगारी दर में गिरावट
सीतारमण ने बताया कि बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) में भी सुधार हुआ है। 2017-18 में यह दर 6% थी, जो अब घटकर 3.2% हो गई है। इसका मतलब है कि सरकार की नीतियों से रोजगार के अवसर बढ़े हैं और लोगों को काम मिल रहा है।
आर्थिक स्थिरता की ओर भारत
सीतारमण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का सामना किया है, जैसे कि:
- कोविड-19 महामारी
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
- मुद्रास्फीति और जिओ-पॉलिटिकल तनाव
फिर भी, इन चुनौतियों के बावजूद भारत ने सतत विकास (Sustainable Growth) बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस है:
- निवेश बढ़ाना (Increasing Investments)
- इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारना (Improving Infrastructure)
- उद्योगों को बढ़ावा देना (Boosting Industries)
GDP ग्रोथ में सुधार की उम्मीद
वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि आने वाले महीनों में GDP ग्रोथ में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां सही दिशा में हैं।
आने वाले समय में जिन क्षेत्रों में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है, वे हैं:
- बुनियादी ढांचा (Infrastructure)
- विनिर्माण (Manufacturing)
- सेवाएं (Services)
- कृषि (Agriculture)
सरकार इन क्षेत्रों में निवेश और सुधार के लिए नए कदम उठा रही है।
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Takeaways)
- GDP ग्रोथ: दूसरी तिमाही में 5.4%, लेकिन आने वाले समय में सुधार की उम्मीद।
- विनिर्माण सेक्टर: मंदी नहीं, आधे सेक्टर में अच्छी वृद्धि जारी।
- मुद्रास्फीति: अप्रैल-अक्टूबर 2024 में सिर्फ 4.8%, NDA सरकार में बेहतर नियंत्रण।
- बेरोजगारी दर: 6% से घटकर 3.2% हुई।
- औसत GDP ग्रोथ: पिछले 3 सालों में 8.3% की औसत वृद्धि।
आगे का रास्ता
सीतारमण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत हैं। सरकार का ध्यान:
- स्थिरता (Stability)
- सतत विकास (Sustainability)
- नवाचार (Innovation)
पर है।
निवेश बढ़ाने, रोजगार पैदा करने और महंगाई नियंत्रित करने की दिशा में सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इससे भारत आने वाले वर्षों में और मजबूत बनेगा।
निष्कर्ष
हालांकि दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य उज्ज्वल है। सरकार की नीतियां और प्रयास देश को आर्थिक स्थिरता और तेज विकास की ओर ले जा रहे हैं।