Introduction
Artificial Intelligence (AI) शिक्षा में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार, 21वीं सदी के कौशलों को बढ़ावा देने के लिए AI शिक्षा का महत्व बढ़ा है। 2024-25 सत्र में भारत के हजारों स्कूलों में AI को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जो छात्रों को भविष्य की तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार कर रहा है।
AI शिक्षा के प्रमुख आँकड़े
- माध्यमिक स्तर (कक्षा 9-10):
2024-25 में, 4,538 स्कूलों के करीब 7.90 लाख छात्र AI पाठ्यक्रम में नामांकित हुए हैं। - वरिष्ठ माध्यमिक स्तर (कक्षा 11-12):
लगभग 944 स्कूलों के 50,000 से अधिक छात्र AI विषय का चयन कर चुके हैं।
सरकार की पहल
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने जानकारी दी कि 2019 में CBSE ने अपने संबद्ध स्कूलों में AI पाठ्यक्रम की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य छात्रों को AI की समझ और इसके अनुप्रयोगों में रुचि विकसित करना है।
AI पाठ्यक्रम की संरचना:
- कक्षा 8: 15 घंटे का AI परिचय मॉड्यूल।
- कक्षा 9-12: AI को एक कौशल विषय के रूप में पढ़ाया जाता है।
तकनीकी बुनियादी ढाँचा
मंत्रालय के अनुसार, 30,373 CBSE-संबद्ध स्कूलों में से 29,719 स्कूलों के पास आवश्यक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर है, ताकि AI और अन्य IT-आधारित पाठ्यक्रमों की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।
AI शिक्षा के लाभ
- तकनीकी साक्षरता:
छात्रों को आधुनिक तकनीकों की गहरी समझ होती है। - भविष्य के रोजगार:
AI कौशल से छात्रों के लिए नए करियर विकल्प खुलते हैं। - रचनात्मकता और नवाचार:
AI विषय से छात्रों में नवाचार की सोच विकसित होती है। - समस्या समाधान कौशल:
AI के अध्ययन से विश्लेषणात्मक और समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण विकसित होता है।
उम्मीदों और चुनौतियों का संतुलन
AI शिक्षा से उम्मीदें अधिक हैं, लेकिन चुनौतियाँ भी हैं:
- शिक्षकों का प्रशिक्षण: AI विषय पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी।
- तकनीकी संसाधन: सभी स्कूलों में समान आईटी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं।
- नैतिक मुद्दे: AI के उपयोग में नैतिकता और डेटा सुरक्षा के मुद्दे।
निष्कर्ष
भारत में AI शिक्षा छात्रों को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और CBSE के प्रयासों से AI सीखने की पहुँच बढ़ रही है। यदि इन चुनौतियों पर काबू पा लिया जाए, तो AI शिक्षा का भविष्य और भी उज्जवल होगा।