गरीब – अमीरी बुद्धिमत्ता की बात हैं. गरीब -अमीरी विज्ञान और टेक्नोलॉजी की बात हैं. क्या तुम सोचते हो कि सब भाग्यशाली अमेरिका में ही पैदा होते हैं? अगर तुम्हारे शास्त्र सही हैं तो सब भाग्यशाली अमेरिका में ही पैदा होते हैं. और सब अभागे भारत में पैदा होते हैं. अगर तुम्हारे शास्त्र सही हैं तो भारत में सिर्फ पापी ही पैदा होते हैं, जिन्होंने पहले पाप किये हैं. और अमेरिका में वे सब पैदा होते हैं. जिन्होंने पहले पुण्य किये.
तुम्हारे शास्त्र गलत हैं, तुम्हारा गणित गलत हैं. अमेरिका समृद्ध इसलिए नहीं है कि वहां पुण्यवान लोग पैदा हो रहे हैं. अमेरिका समृद्ध इसलिए है कि विज्ञान है, तकनीक है, बुद्धि का प्रयोग है. अमेरिका समृद्ध होता जा रहा है, रोज- रोज समृद्ध होता जा रहा है, और तुम देखते हो अमेरिका में कितने जोर की लहर है अध्यात्म की! कितनी अभीप्सा है ध्यान की! कितनी आतुरता है अंतर्यात्रा की! हजारों लोग पश्चिम से पूरब यात्रा करते हैं, इसी आशा में कि शायद पूरब के पास कुंजियां मिल जायें. उन्हें पता नहीं, पूरब अपनी कुंजियां खो चुका है. पूरब बहुत दरिद्र है. और दरिद्र हाथों में परमात्मा के मंदिर की कुंजियां बहुत मुश्किल हैं.
तो पहली तो बात है कि भारत पुनः समृद्ध होना चाहिए. और समृद्ध होने के लिए जरुरी है कि गांधीवादी जैसे विचारों से भारत का छुटकारा हो. बिना बड़ी टेक्नोलॉजी के अब यह देश समृद्ध नहीं हो सकता. अब इसकी संख्या बहुत है. बुद्ध के समय में पूरे देश की संख्या दो करोड़ थी. निश्चित देश समृद्ध नहीं हो सकता. अब इसकी संख्या बहुत हैं. बुद्ध के समय में पूरे देश की संख्या दो करोड़ थी. निश्चित देश समृद्ध रहा होगा- इतनी भूमि और दो करोड़ लोग. भूमि अब भी उतनी है और इंच भर जमीन बढ़ी नहीं. हां, जमीन घटी बहुत. घटी इस अर्थों मैं कि इन ढाई हजार सालों में हमने जमीन का इतना शोषण किया, इतनी फसलें काटीं कि जमीन रोज- रोज रूखी होती चली गई. हमने जमीन का सब कुछ छीन लिया. वापस कुछ भी नहीं दिया. वापस देने की हमें सूझ ही नहीं है, लेते ही चले गये, लेते ही चले गये.
जमीन दीन-हीन होती चली गई, उसके साथ हम दिन-हीन होते चले गये. और जितना ही समाज दीन-हीन होता है, उतने ज्यादा बच्चे पैदा करता हैं, इस जगत में बड़े अनूठे हिसाब हैं. अमीर घर में बच्चे कम पैदा होते हैं, गरीब घर में बच्चे ज्यादा पैदा हैं. क्यों? अमीरों को अक्सर बच्चे गोद लेने पड़ते हैं.