12 जनवरी, 2024: मोदी की गारंटी वहां से शुरू होती है, जहां दूसटों से अपेक्षाएं खत्म होती हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान के प्रमुख नारे के रुप में ‘मोदी गारंटी को लॉन्च किया गया। 14 अप्रैल, 2024: भाजपा ने घोषणापत्र लॉन्च किया। कवर पर लिखा था: ‘मोदी की गारंटी 2024’127 अप्रैल, 2024: दूसरे चटण के मतदान के बाद ‘मोदी गाटंटी के नाटे के ताले में बंद कर दिया गया!
मार्केटिंग की दुनिया में ब्रांड प्रस्ताव एक प्रॉमिसटी नोट होता है, यानी ग्राहक से किया वादा, जिसे पूरा किया जाएगा। ब्रांड- प्रस्तावों की कल्पना बहुत सावधानी से की जानी चाहिए, क्योंकि आप जितना दे सकते हैं उससे अधिक का वादा नहीं कर सकते। आप किसी को अपना उत्पाद एक बार बेच सकते हैं. दो बार बेच सकते हैं, लेकिन आखिरकार उपभोक्ता को असलियत पता चल जाएगी। यही कारण है कि ब्रांड-प्रस्ताव टिकाऊ होने चाहिए। साथ ही, ब्रांड की सफलता केवल प्रस्ताव नहीं, बल्कि उत्पाद की सफल डिलीवटी में निहित है। ऐसे में, यह एक गंभीट सबक है कि भाजपा का ब्रांड-प्रस्ताव ‘मोदी की गाटंटी बमुश्किल कुछ ही महीनों चला! हम भाजपा के घोषणा-पत्र से शब्दश: दस कथन प्रस्तुत कर रहे हैं। और हर कथन के साथ हम बताएंगे कि जनवटी में प्रचारित प्रस्ताव मई आते-आते गायब क्यों हो गया।
- ‘हम महिलाओं की गरिमा सुनिश्चित करेंगे’ हाथरस, उन्नाव, कठुआ, बिलकिस बानो, बृजभूषण सिंह, प्रज्वल टेवन्ना, संदेशखाली!
- दुनिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक : दस साल पहले, भारत जीडीपी की 7.2% घटेलू बचत के साथ दुनिया की
दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद आय की विषमता ब्रिटिश राज की
तुलना में भी बदतर है। वहीं घरेलू बचत 50 साल के सबसे निचले स्तर यानी जीडीपी के 5.1% पर है। - ’50 कटोड़ से अधिक नागरिक पीएम जन-धन खाते के माध्यम से बैंकिंग प्रणाली से जुड़े : दिसंबट 2023 तक हट पांच जन-
धन खातों में से एक दो साल या उससे अधिक समय से निष्क्रिय है। यानी 10.34 करोड़ खाते बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किए जा रहे हैं। इन निष्क्रिय खातों में 12,779 करोड़ रुपए हैं। - ‘4 कटोड़ से अधिक परिवारों के पास पीएम आवास योजना व अन्य पहलों के तहत पक्के घटः जनवटी 2024 तक पीएमएवाई-यू के तहत स्वीकृत एक-तिहाईघर नहीं बने थे।
- 1 र. में सैनिटरी पैड : पांच में से एक महिला स्वच्छ तरीकों का उपयोग नहीं करती है। चार में से एक इस दौरान स्कूल छोड़ देती है या अपर्याप्त सुविधाओं और अन्य बाधाओं के कारण पढ़ना ही बंद कर देती है।
- 1.4 कटोड़ से अधिक युवाओं ने पीएम कौशल विकास योजना का लाभ उठाया : पीएमकेवीवाई-2 के लिए प्लेसमेंट दर 23% थी। पीएमकेवीवाई-3 के लिए केवल 8%। वित्त वर्ष 2022-23 में आवंटित बजट का आधे से अधिक उपयोग नहीं किया गया।
- ‘एमएसपी में अभूतपूर्व बढ़ोतटी’ : किसानों ने एमएसपी- गाटंटी की मांग को लेकर विटोध-प्रदर्शन किया। उन्हें दिल्ली में प्रवेश
नहीं कटने दिया गया, उन पर आंसू गैस छोड़ी गई और पानी की बौछार की गई। 2024 में विरोध-प्रदर्शन के दौटान 19 किसानों की मौत हो गई और 40 घायल हो गए। - सड़कों, पुलों, टेलवे और हवाई अड्डों के विस्तार से पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी में सुधाट : उत्तर-पूर्वविशेष आप किसी को अपना उत्पाद एक बार बेच सकते हैं, दो बार बेच सकते हैं, लेकिन आखिटकार उपभोक्ता को असलियत पता चल ही जाएगी। यही कारण है कि ब्रांड-प्रस्ताव कई वर्षों या दशकों तक टिकाऊ होने चाहिए।
बुनियादी ढांचा विकास योजना के तहत स्वीकृत 181 परियोजनाओं में से केवल 25 पूरी हुई। पिछले छह वर्षों में, योजना ने आवंटित धन का 40% ही उपयोग किया। - ‘पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों में 3.7 लाख किमी सड़कों का निर्माण इस योजना के चाट वर्टिकल्स हैं, जिनमें से किसी ने भी सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा नहीं किया है। इनमें से दो की समय-सीमा 2022 थी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी परियोजना की समय सीमा मार्च 2023 थी, लेकिन
आधा काम ही पूरा हुआ है। - सौभाग्य योजना के तहत 2.8 कटोड़ से अधिक परिवारों को बिजली कनेक्रन प्रदान कटके 100% विद्युतीकरण : सरकार की परिभाषा के अनुसार किसी गांव को तब विद्युतीकृत माना जाता है, जब उसके सिर्फ 10% घटों में बिजली हो।2021 में, लगभग 12 लाख घटों का विद्युतीकरण बाकी था। टाजस्थान, यूपी, आंध्र में ही पांच लाख घर बिजली से रहित थे।