भीलवाड़ा। प्रदेश की सुख-समृद्धि और समग्र विकास के उद्देश्य से जल झूलझू नी एकादशी के दिन आयोजित राजस्थान जल महोत्सव-2024 के जिला स्तरीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन शनिवार को मेजा बांध पर हुआ। इस समारोह में विधायक अशोक कोठारी, जिला कलक्टर नमित मेहता, जिला परिषद सीईओ चंद्रभान सिंह भाटी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और नगरवासी शामिल हुए।
समारोह की शुरुआत विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना से की गई, जिसमें विधायक अशोक कोठारी, जिला कलक्टर नमित मेहता और जिला परिषद सीईओ चंद्रभान सिंह भाटी ने प्रमुख भूमिका निभाई। पूजा के बाद, स्कूली छात्र-छात्राओं ने प्रदेश में जल के महत्व को दर्शाते हुए सांस्कृतिक लोक नृत्यों और अन्य प्रस्तुतियों के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, महिलाओं ने मंगल गीत गाए और भजन गायकों ने कर्णप्रिय भजनों का गायन कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके अतिरिक्त, प्रश्नोत्तरी और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
समारोह में जिला कलक्टर नमित मेहता ने संबोधित करते हुए राजस्थान जल महोत्सव-2024 के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सदियों से जल को पूजनीय माना गया है और इसे संजोने और इसका सदुपयोग करने की परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राजस्थान में जल महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। भीलवाड़ा जिले में लगभग 250 से अधिक तालाब और बांध अपनी पूरी भराव क्षमता के आसपास पहुंच चुके हैं या ओवरफ्लो कर रहे हैं, जो खुशी की बात है।
जिला कलक्टर ने कहा कि जल ही जीवन है और इसके महत्व को किसी भी सूरत में कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने बताया कि थोड़ी सी पानी की कमी से प्रकृति, पेड़-पौधे, जीव-जंतु और मनुष्य सभी प्रभावित हो जाते हैं। जल न केवल जीवन के लिए आवश्यक है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसानों की आजीविका पानी पर निर्भर होती है। अच्छी वर्षा के कारण बांध और तालाब भर चुके हैं, जो एक शुभ संकेत है। उन्होंने जलदाय विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत घर-घर कनेक्शन की उपलब्धता के बारे में भी बताया, लेकिन परंपरागत जल स्त्रोतों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
विधायक अशोक कोठारी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण का ध्यान रखना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है, क्योंकि जितना हम प्रकृति को देंगे, उससे कई गुणा अधिक हमें प्राप्त होगा। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को जल संरक्षण और वायु प्रदूषण से बचने की प्रतिज्ञा दिलाई। उन्होंने आह्वान किया कि तालाबों और नदियों को दूषित नहीं करेंगे और जल संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। उन्होंने जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त रखने और उनकी साफ-सफाई को सभी की जिम्मेदारी मानते हुए जल संचय और सदुपयोग पर बल दिया।
समारोह में सीईओ जिला परिषद चंद्रभान सिंह भाटी ने भी जल स्रोतों के संरक्षण और मितव्ययिता से जल उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। राजस्थान जल महोत्सव-2024 के अवसर पर जिले में विभिन्न जल स्रोतों पर पूजा-अर्चना और कार्यक्रम आयोजित किए गए। ग्राम पंचायतों और गांवों में भी विशेष कार्यक्रम हुए। जल महोत्सव का मुख्य उद्देश्य पर्याप्त वर्षा जल उपलब्ध होने के लिए प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना था।
कार्यक्रम में प्रधान शंकर लाल कुमावत, अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग सोजी प्रतिहार, अधिशासी अभियंता डब्ल्यूआरडी सीएल कोली, अधिशासी अभियंता हिमांशु मंडिया, एईएन अब्बास अली खान, एईएन डब्ल्यूआर मेजा हेमराज, मेजा सरपंच छोटू सिंह, सुरास सरपंच एमपी सिंह, राजिविका जिला परियोजना प्रबंधक रामप्रसाद सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, अध्यापकगण, नगर एवं ग्रामवासी और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन विकास अधिकारी धनपत सिंह द्वारा किया गया।