पाली इस बार पड़ी भीषण गर्मी में पानी का जो टैंकर 500 सौ रुपए तक में बिका उसे टैंकर चालकों के एक ग्रुप ने मवेशियों के
लिए एक-एक फेरा फ्री कर दिया. 20 टैंकर चालकों का ये ग्रुप सामूहिक रूप से कभी 5, कभी 10 तो कभी 20-20 टैंकर साथ लेकर जाते थे और शहर से दूर स्थित नाड़े -तालाब में निशुल्क ड़ालते.
इस अभियान की शुरुआत करने वाले किशन परिहार ने बताया है शुरुआत में नाड़ो व अवाळो को निशुल्क भरने के लिए 2 लोंगो की टीम बनाई तो मात्र 4 दिनों में 20 जने उसमें शामिल हो गए थे. सभी टैंकर चालक थे. हर रोज उनको एक या दो टैंकर अपनी ओर से फ्री पानी की सप्लाई करनी थी.
श्री किशन परिहार ने बताया हैं कि एक महिने पहले अभियान की शुरुआत हुई. शहर से 20 से 25 किमी की परिधी में वे एक साथ जाकर नाड़े व तालाब इतना भर देते थे कि पशु- पक्षी आराम से पानी पी सके. उनकी सेवा से प्रभावित होकर माली समाज भवन से माली समाज द्वारा इनको निशुल्क टैंकर भराने की सेवा भी शुरु की गई.
सांवलिया सेठ के नाम से ग्रुप बनाया
टैंकर चालकों ने सोशल मीडिया पर सांवलिया सेठ नाम से ग्रुप है. जिस चालक को अपने क्षेत्र में सुखा तालाब या नाड़ा दिखता है तो सूचना वह ग्रुप में देता है. इसके बाद चार जनों की टीम मौके पर पहुंचती है. क्षमता के अनुसार एक साथ 10,15 या 20 टैंकर खाली करते हैं.
बांबोलाई गांव के बंशीलाल गुर्जर, छोटी ढाबर के कैलाश भाटी और खेतावास के मांडाराम व रुपाराम ने बताया कि गर्मी में पेयजल कि ल्लत नहीं हुई लेकिन गांव से दूर सुनसान स्थानों पर बने नाड़ो, तालाब व अवाळों में पानी नहीं होने से पशु पक्षियों के पीने के लिए पानी मुश्किल से मिला. इस ग्रुप के माध्यम से जब भी सूचना दी गई तो टैंकर चालक बड़ी संख्या में टैंकर लेकर पहुंचते.