क्या कभी ऐसा पेड देखा है? जो विद्युत उत्पादन करता है, अगर नहीं देखा तो उदयपुर चले आइए। यहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मदार जरूर जाएं, यहां आपको सोलर ट्री लगा मिलेगा, जो इस स्कूल में विद्युत आपूर्ति करता है। यह सोलर ट्री रोजाना करीब 20-25 यूनिट बिजली पैदा करता है। इस बिजली का उपयोग स्कूल के लिए वरदान साबित हुआ है। वैसे तो स्कूल में बारिश के दिनों में अक्सर बिजली गुल होने की समस्या बनी रहती थी। इससे स्कूल का काम प्रभावित होता था, वहीं बच्चों व स्टाफ को भी गमी में बैठना होता था। लेकिन, सोलर ट्री लगने के बाद 24 घंटा विद्युत आपूर्ति बनी रहती है और बिजली जाने के दौरान आसानी से सभी काम हो जाते हैं।
राजस्थान का पहला सोलर ट्री
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मदार उदयपुर जिले की बडगांव तहसील का एक जनजातीय विद्यालय है, जहां वर्तमान में 260 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। प्रधानाचार्य सीता मोगिया ने बताया कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगगकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) ने इस विद्यालय को गोद लिया है और स्मार्ट विलेज के अंतर्गत विद्यालय में वर्ष 2021 में राज्यपाल ने राजस्थान के प्रथम सौर वृक्ष का उद्घाटन किया था। इसके लगाने के बाद बिजली की समस्या दूर हुई, बल्कि जल कूप से पानी ऊपर टंकी में चढाने, स्कूल में लगी ट्यूबलाइट्स, कम्प्यूटर आदि को चलाने में इसी सौर ऊर्जा का उपयोग होता है। इससे स्कूल का बिजली बिल भी बहुत कम हो गया है तथा रात में भी दो स्ट्रीट लाइट इससे रोशन होती है।
अब तक का उत्पादन
सोलर एक्सपर्ट ववक्रमादित्य दवे ने बताया कि दो साल पहले एमपीयूएटी ने नाबार्ड के रूरल इंफ्रास्ट्क्चर प्रोजेक्ट फंड से 5 किलोवाट का सोलर ट्री लगाया। इस पर 9.80 लाख रुपए का खर्च आया, जिसमें नाबार्ड ने 8.82 लाख और विवि ने 98 हजार रुपए का खर्च उठाया। इससे प्रतिदिन 20 से 25 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। अब तक 12 हजार यूनिट बिजली पैदा हो चुकी है और 1.20 लाख रुपए की बचत भी कर ली गई है।