प्रकृति घरेलू उपचार ऐसे इलाज है, जो घर में आसानी से उपलब्ध होते है। जैसे की फल, सब्जियां, मसाले और जड़ी बूटियां आदि।यह पदार्थ एसी चीजें है, जो आम तौर पर रोजाना हमारे सामने या इस्तेमाल में आती है। हालांकि आज कल गर्मी के कारण अक्सर पेट दर्द की परेशानी झेलनी पड़ती है।। ऐसे में किसी मेडिकल से दवाई लेकर कुछ देर की राहत मिलती है, लेकिन फिर वही दर्द हमारे अन्य कार्यों में रुकावट का कारण बन जाता है। एसे में व्यक्ति अपने खाने – पीने की चीजों को दूसरों चीजों से तुलना कर लापरवाही करने लगता है। गर्मी के कारण पेट को ठंडा रखने के लिए फ्रिज से आइस्क्रीम व ठंडी चीजों का सेवन करने लगता है।यह सभी दिखने में ठीक लगती है, लेकिन तासीर में ठंडी नहीं होती है। खासकर जिन्हें पित्त से जुड़ी समस्या है, उनमें कुछ चीजों के सेवन इस मौसम में पेट को गर्मी, एसिडिटी, त्वचा का फटना और चिड़चिडापन बढ़ा देता है।
पेट संबंधित बीमारियो से निपटने के लिए प्राकृतिक उपचार अपनाएं, जोहामारी रसोई में आसानी से मिल जाती है। एसी जड़ी बूटियां है, जो शरीर के आंतरिक तापमान को संतुलित बनाए रखते हुए पाचन को बढ़ावा देती है।
एलोवेरा : – इसका जूस पाचन तंत्र को ठंडा रखता है। आतों की गर्मी व पेट में जलन से राहत दिलाता है। इसके अलावा शरीर को देर तक हाईड्रेट रखता है।
धनिया : – खड़ी धनिया या हरे पत्ते, यह ठंडे गुणों के लिए जाने जाते हैं। इससे बने हर्बल चाय पीने से पाचन क्रिया सक्रिय रहता है।
सौंफ : – मुंह की बदबू दूर करने के साथ पेट की गर्मी को कम करता है। इससे पाचन क्रिया ठीक रहता है। एसिडिटी से भी रहतममंद है। खाना खाने के बाद इसका सेवन फायदेमंद है। हो सके तो इसका सरबत भी बना सकते हैं।
पुदीना : – यह ताज़गी से भरपूर होती है। यह आत को ठंडा करने, सूजन कम करने और पाचन तंत्र को कम करके स्वस्थ रखने में मदद करता है।
इलायची : – इसके बीच सीने में जलन व मिथली के लक्षणों को कम करते हैं। पानी में इलायची के बीजों को उबालकर पीना भी शरीर को ठंडक देता है साथ ही तरोताजा महसूस करता है।
हींग : – पेट से जुड़ी स्मायाओ से राहत पाने के।लिए हींग का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। पेट दर्द से राहत पाने के लिए आप हींग को पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। इससे जल्द आराम मिलता है।